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बची राम आर्य

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बन्दूक की नोक पर अंग्रेज ने लिया नैनीताल।

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नैनीताल   भारत  के  उत्तराखण्ड   राज्य  का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। यह  नैनीताल जिले  का मुख्यालय भी है। कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यह 'छखाता' परगने में आता है। 'छखाता' नाम 'षष्टिखात' से बना है। 'षष्टिखात' का तात्पर्य साठ तालों से है। इस अंचल में पहले साठ मनोरम ताल थे। इसीलिए इस क्षेत्र को 'षष्टिखात' कहा जाता था। आज इस अंचल को 'छखाता' नाम से अधिक जाना जाता है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। सन् 1839 ई. में...

जॉन मैकिनन

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वैसे तो आप सब वाकिफ होंगे कि मसूरी की खोज 1823 में कैप्टेन यंग ने की थी। उन्होंन शिकार के उद्देश्य से सर्वप्रथम कैमल्स बैक पहाड़ी पर मसूरी का पहला मकान तैयार किया था। स्थानीय तौ...
◆. ब्रिटिश गढ़वाल की राजधानी:- श्रीनगर ◆. 1939 में अल्मोड़ा, गढ़वाल से अलग किया गया और 1840 में श्रीनगर से राजधानी पौड़ी स्थानांतरित कर दी गई। ◆. अंग्रेजी शासन में अलकनन्दा से पूर्व के क्...

टॉप-5 प्रश्न

1. कुंडाखार प्रथा:- उत्तराखण्ड के शौका तथा हुणियों के मध्य व्यापारिक अनुबंध। 2. कव्वालेख:- बागेश्वर के दानपुर परगने में खाती गांव के ऊपर कौवों का पावनधाम माना जाता है। 3. भारती...

उत्तराखण्ड के प्रमुख मन्दिर

चार धाम – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रनाथ पंचकुण्ड – तण्ड, नारथकुण्ड, सत्यपथकुण्ड, मानुसीकुण्ड, त्रिकोणकुण्ड। पंचधारा – प्रहलाद धार, कूर्मुधारा, उर्वशीधारा, व...

उत्तराखण्ड: प्रमुख व्यक्तित्व

1. कालू महरा – प्रथम स्वतंत्रता सेनानी जन्म समय -1831 जन्म स्थान -विसुड़ गांव,लोहाघाट,चम्पावत विशिष्ट कार्य -1857में क्रांतिवीर संगठन का निर्माण । मृत्यु- सन 1906   2. बद्रीदत्त पाण्डे -कुर्मांचल केसरी जन्म-  15 फरवरी 1882 जन्म स्थान-  कनखल, हरिद्वार । मूल निवासी अल्मोड़ा विशिष्ट कार्य- 1913 से अल्मोड़ा अखबार के संपादक 1918 में प्रतिबन्धित, इसके बाद अल्मोड़ा से शक्ति साप्ताहिक का प्रकाशन। कुली उतार, कुली बेगार व कुली बर्दायश आदि का विरोध । दो स्वर्ण पदक मिले जिन्हे उन्होने 1962 भारत-चीन युद्ध के समय देश के सुरक्षा कोष में दिये। मृत्यु- 13 जनवरी 1995 3. हरगोविन्द पंत - अल्मोड़ा कांग्रेस की रीढ़। जन्म- 19 मई 1885 जन्म स्थान- चितई गांव , अल्मोड़ा। विशिष्ट कार्य-  कुलीन ब्राह्मणो द्वारा हल न चलाने की प्रथा को 1928 बागेश्वर को स्वयं हल चला कर तोड़ा। मृत्यु- सन् 1957 4. बैरिस्टर मुकुन्दीलाल  जन्म- 14 अक्टूबर 1885 जन्म स्थान- पाटली गांव ,चमोली विशिष्ट कार्य- मौलाराम के चित्रों को खेाजकर उन्हें कला जगत में शिखर पर पहुंचाया 1969 में प्रकाशित उनकी प...