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उत्तराखंड oneliner

प्रश्न.1- पंडिकेश्वर ताम्रपत्रों में उल्लिखित तंगणपुर की वर्तमान स्थिति- मुनस्यारी प्रश्न.2- बघागागण का युद्ध- 1581, बलभद्रशाह तथा रुद्रचन्द के सेनापति पुरुषोत्तम पन्त के मध्य। प्रश्न.3- कुमाऊँ में मोटर यातायात की शरुआत- 1915, नैनीताल से काठगोदाम के मध्य प्रश्न.4- ट्रेल द्वारा कुमाऊँ को बांटा गया- 26 परगनों में प्रश्न.5- चानमारी क्या था- 1857 विद्रोह के समय विद्रोहियों को ऊँची पहाड़ियों से नदी में धकेल देना। {वर्तमान में चम्पावत जे निकट इसी कृत के कारण चूँकि कालू मेहरा के साथियों को गिराया गया था स्थान का नाम भी है।} प्रश्न.6- तराई-भाबर कुमाऊँ में शामिल किये गए- 1842 प्रश्न.7- इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा कुली बेगार पर प्रतिबंध- 1904 में प्रश्न.8- The forest Problem of Kumaun पुस्तक के लेखक- पं. गोविंद बल्लभ पंत। प्रश्न.9- 1857 के विद्रोह के समय कुमाऊँ कमिश्नर- हेनरी रैम्जे(1856-1884) प्रश्न.10- उत्तराखंड में पूर्णतः दासता का अंत कब और किसने किया- 1836, कुमाऊँ कमिश्नर ले. जॉर्ज गोवन प्रश्न.11- कुली बेगार का सर्वप्रथम विरोध किया गया- 1840 लोहाघाट सैन्य छावनी में। प्रश्न.12- हि

कुछ प्रश।

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हस्तलिखित उत्तराखंड नोट्स

https://drive.google.com/file/d/1G8P3nw1O5etLNTQ_RS3nq_rMy0uyWQ1W/view?usp=drivesdk कमेंट में बताएँ जहां गलती के आसार हों।

उत्तराखंड ज्ञानकोष pdf-1

https://drive.google.com/file/d/1Jcoi16FzWaFgEaPeiMnTMKjQcABsyjEp/view?usp=drivesdk

उत्तराखंड ज्ञानकोष pdf-2

https://drive.google.com/file/d/1nPePM_Pa4MFk8KiEeb5onamo2mRBmKo7/view?usp=drivesdk

उत्तराखंड 5 महत्वपूर्ण प्रश्न।

1◆ वीर शहीद केशरी चन्द को फांसी की- 3 मई, 1945 लालकिले में दी गयी।         (अधिकतर जौनसारी साथी परिचित होंगे इनसे जो नहीं हैं उनके लिए पोस्ट लम्बी कर रहा थोड़ा सा-       © नवम्बर, 1920 में क्यावा में जन्में       © रॉयल इंडियन आर्मी में सुबेदार के पद पर भर्ती       © द्वितीय विश्व युद्ध मे जापानी सेना द्वारा बन्दी           बनाये गए तथा वहीं से आज़ाद हिंद फौज में            शामिल।       © महत्वपूर्ण कार्य 'इम्फाल पुल उड़ाया' अंग्रेजों के           हाथों बन्दी बनाये गए।      © इनके शब्द थे, "मेरे कफ़न के लिए खादी का प्रयोग किया जाए और कामना है कि देश को तुरंत आज़ादी मिले। जब भी पुनः जन्म मिले तो भारत में मिले ताकि देश सेवा के लिए फिर काम आ सकूँ।" 2◆ वन बन्दोबस्त 1929 के सृजनकार- पद्म दत्त रतूड़ी  (तत्कालीन वन अधिकारी)        आपको याद होगा इसका परिणाम रवाईं कांड था। वन बन्दोबस्त 1929 के कुछ महत्वपूर्ण और अवैधानिक बिंदुओं को जाने-         © पहाड़ों में प्रत्येक काश्तकार चार भेड़-बकरी, एक भैंस, 2 बैल और 1 गाय रख सकता था इस कानून के तहत। इससे अधिक होने पर निम्न दरों प

तीलू रौतेली (जॉन आर्क ऑफ गढ़वाल)

गढ़वाल की जॉन आर्क कही जाने वाली एक ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी और सात साल तक जिसने अपने दुश्मन राजाओं को छठी का दूध याद दिलाया था। गढ़वाल की इस वीरांगना का नाम था ‘तीलू रौतेली’। तीलू रौतेली का जन्म पौड़ी गढ़वाल के गुराड गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम भूपसिंह था, जो गढ़वाल नरेश के सेना में थे। तीलू रौतेली का जन्म कब हुआ। इसको लेकर कोई तिथि स्पष्ट नहीं है। लेकिन गढ़वाल में 8 अगस्त को उनकी जयंती मनायी जाती है और यह माना जाता है, कि उनका जन्म 8 अगस्त 1661 को हुआ था। उस समय गढ़वाल में पृथ्वीशाह का राज था। गढ़वाल के लोककथाओं के अनुसार गढ़वाल के राजा और कत्यूरी राजाओं के बीच युद्ध आम माना जाता था। तीलू रौतेली भगतू और पथ्वा की छोटी बहन थी, जिसने बचपन से ही तलवार और बंदूक चलाना सीख लिया था। छोटी उम्र में ही तीलू की सगाई ईड़ा के भुप्पा नेगी से तय कर दी गयी थी, लेकिन शादी होने से पहले ही उनका मंगेतर युद्ध में वीर गति का प्राप्त हो गया था। तीलू ने इसके बाद शादी नहीं करने का फैसला किया था। इस बीच कत्यूरीराजा धामशाही ने अपनी सेना को मजबूत किया और गढ़वाल पर हमला