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भारतीय दर्शन

षडदर्शन | ये निम्न के  प्रकार थे: 1) योग, 2) न्याय, 3) मीमांसा, 4) वेदांता, 5) वैशेशिक, 6) सांख्य सांख्य कपिल ने सांख्य दर्शन दिया था। सांख्य  का वास्तविक मतलब गिनना है | संख्या का दर्शन शास्त्र बताता है:- विश्व को प्रकृति द्वारा बनाया गया | चौथी सदी A D के दौरान पुरुष को जोड़ा गया और विश्व के सृजन में प्रकृति तथा पुरुष का योगदान था | संख्या विद्यालय के दर्शन शस्त्र के अनुसार, मनुष्य द्वारा वास्तविक  विद्या प्राप्त करके ही  मोक्ष  की प्राप्ति हो सकती है और उसके कष्ट समाप्त हो सकते हैं | वास्तविक विद्या अनुमान, शब्द और प्रत्यक्ष के द्वारा ही हो सकती है | योग पतंजलि द्वारा दिया गया सिद्धांत योग विद्यालय के अनुसार, मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति शारीरिक आवेदन व ध्यान से हो सकती है | योग  आनंद के ऊपर नियंत्रण के अभ्यास पर बल देता है | शारीरिक अंग व इंद्रियाँ इस प्रणाली का केंद्र हैं | यह विद्यालय  शारीरिक कसरत के विभिन्न अवस्थाएँ जिसे आसान व श्वसन कसरत जिसे प्राणायाम कहा जाता है पर बल देता है | न्याय गौतम द्वारा न्याय विश्लेषण का स्कूल है | यह तर्क की प्रणाली के रूप में विकसित