संदेश

अक्तूबर 12, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उत्तराखण्ड एक परिचय

उत्तराखण्ड राज्य : एक परिचय हिमालय पर्वतमाला की गोद में बसा नवगठित राज्य उत्तरांचल 9 नवंबर 2000 को भारतवर्ष का सत्ताईसवाँ राज्य बन गया। दूर-दूर तक हज़ारों वर्ग मील में फैला यह प्रदेश भारतमाता की शोभा बढ़ाने वाला परिधान है। हिममण्डित शिखर उस राजरानी राजेश्वर का शुभ्र मुकुट है। ऐसे में कालिदास याद आते हैं। अपनी कृति कुमारसम्भव में कालीदास कहते हैं: अस्युत्तरस्यां दिशि देवतात्मा हिमालयो नाम नगाधिराज:। पूर्वापरौं तोयनिधी वगाह्य स्थित: पृथि इवमानदणड:।। उत्तराखंड सौंदर्य का जीवन्त प्रतीक है, सरलता एवं गरिमा का अभिषेक है और सभ्यता एवं संस्कृति इसकी विशिष्ट पहचान है। यहाँ प्रकृति और जीवन के बीच ऐसा सामंजस्य हैं जो सभी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहाँ की शीतल हवा शान्ति की प्रतीक हैं तो फलदार वृक्ष दान की महिमा का गुणगान करते हैं। यहाँ के लोक जीवन में परंपराएँ, खेल-तमाशे, मेले, उत्सव, पर्व-त्यौहार, चौफुला-झुमैलो, दैरी-चांचरी, छपेली, झौड़ो के झमाके, खुदेड़ गीत, ॠतुरैण, पाण्डव-नृत्य, संस्कार सभी कुछ अपने निराले अन्दाज में जीवन को सजाते हैं। ब्रह्मावर्त, ब्रह्मदेश, ब्रह्