संदेश

जुलाई, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गढ़वाल के कुछ वीर

कुछ वीर गढ़रत्न 1- लोदी रिखोला गढ़वाल के भीम इतने शक्तिशाली पहलवान थे की नजीबाबाद के किले के मुख्य द्वार को उखाड़कर स्वयं रिखनी ख़ाल उठाकर ले आये थे  2- पन्थ्या काला ने तत्कालीन राजा के काले कानून का निरंतर तीव्र विरोध कर सत्याग्रह करते हुए अंत में आत्म दाह कर काले कानून को समाप्त करवा कर ही जनता को राहत दिलाई  3- माधो सिंह भंडारी शूरमा थे जिन्होंने मलेथा जैसी ऊसर भूमि के लिए गूल निकालने के लिए ही पहाड़ काटकर एक नहर बना दी जिसके लिए उन्होंने अपने एकमात्र पुत्र की बलि दे दी थी! 4- गढ़ भूमि की लक्ष्मीबाई कहलाने वाली वीरांगना तीलू रौतेली ने गढ़वाल की पूर्वी सीमा पर आक्रमणकारी एवं अत्याचारी कत्यूरों से निरंतर सात वर्षों तक जूझते हुए त्रस्त सीमान्त जनता को राहत की सांस दिलाई ! 5- अंग्रेजी राज्य में शौर्यपुन्ज दरबान सिंह नेगी तथा गबर सिंह नेगी ने द्वितीय महायुद्ध के दौरान फ़्रांस में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए और मरणोपरांत विक्टोरिया क्रोस नामक तत्कालीन सर्वोच्च शौर्य पदक प्राप्त कर गढ़वाल का नाम रोशन किया   ! 6- दूसरे  महायुद्ध के दौरान ही तोता राम थपलियाल ने एक विशेष गढ़वाली पलटन खड़ी