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"बाल वाटिका" नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य

आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था शुरू करने हेतु बाल वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 4,457 केंद्रों में बाल वाटिका शुरू की गई है।  बाल वाटिका के साथ ही उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने 5+3+3+4 के पैटर्न पर आधारित नई शिक्षा नीति लागू की है।

उत्तराखण्ड ट्रेक ऑफ द ईयर

उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड राज्य में पर्यटन से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने वाला सर्वोच्च निकाय है। इसकी स्थापना 28 नवम्बर, 2001 को गई थी। प्रतिवर्ष इसके द्वारा ट्रेक ईयर ऑफ द ईयर घोषित किया जाता है। देखें वर्षवार ट्रेक ऑफ द ईयर- 2015 - दयारा बुग्याल, उत्तरकाशी 2016 - खलिया टॉप, मुनस्यारी, पिथौरागढ़ 2016 में ही शीतकालीन ट्रेक ब्रह्मिताल, उत्तरकाशी को घोषित किया गया था। 2017 - चैंशील बुग्याल, उत्तरकाशी एवं द्रोणागिरि बागनी घाटी, चमोली 2018 - नामिक ग्लेशियर, बागेश्वर 2019 - देवक्यारा बुग्याल, उत्तरकाशी 2020 - कुशकल्याण बुग्याल, उत्तरकाशी 2021 - भयूडी बुग्याल, उत्तरकाशी 2022 - पिंडारी, बागेश्वर एवं बागची बुग्याल, चमोली #ukpedia  #dhami_sir #bhagwan_singh_dhami #track_of_the_year #ट्रेक_ऑफ_द_ईयर

राज्य में महिलाएं

राज्य में 49.07 प्रतिशत जनसंख्या महिलाओं की है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 49,48,519 है। महिलाओं का योगदान प्रत्येक क्षेत्र में अविस्मरणीय है। राष्ट्रीय आन्दोलन, राज्य आन्दोलन से लेकर कला, विज्ञान, संगीत, इतिहास, प्रत्येक क्षेत्र में राज्य क्षेत्र का महिलाओं का ऐतिहासिक योगदान देखने को मिलता है। न केवल आज के परिवेश में बल्कि ऐतिहासिक एवं गाथायी इतिहास में भी स्त्री महत्वपूर्ण स्थान पर है। वर्तमान रूप में देखा जाये तो प्रति हजार पुरुषों में राज्य में औसत 963 महिलाएं हैं, जो देश के कई अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति है। देश के टॉप-10 सर्वाधिक लिंगानुपात वाले जिलों में भी उत्तराखण्ड के तीन जिले शामिल हैं। यदि हम केन्द्र शासित राज्यों को पृथक करते हैं तो सभी राज्यों के जिलों में अल्मोड़ा का स्थान सर्वोच्च है, जबकि इसके ऊपर एकमात्र जनपद माहे जिला पुदुच्चेरी का है। छठें स्थान पर रुद्रप्रयाग तथा नौवें स्थान पर पौड़ी गढ़वाल जिलों का स्थान आता है, इन जिलों में प्रति हजार पुरुषों में क्रमशः 1139, 1114 तथा 1103 महिलाएं हैं। साक्षरता की दृष्टि से भी राज्य में महिला साक्षरता दर 70 प्रतिशत से अधिक है