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नमती प्रथा

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इस प्रथा का सम्बंध टिहरी रियासत (सम्प्रति उत्तरकाशी जनपद के रवांई-जौनपूर) की एक पुरानी परम्परागत प्रथा के साथ है। अचिर पूर्व तक इसका प्रचलन था। इसके अनुसार प्राप्त:काल पांच बजे उठते समय एवं सायंकाल को दस बजे सोते समय गांव का बाजगी मंडाण चौक (गांव के मध्यस्थ पांडव चौक) में नमती बजाता था। इसी प्रकार सुबह दस बजे के लगभग वह सयाणा या लम्बदार के घर बड़ाई बजाता था। अब यह परंपरा केवल कतिपय क्षेत्रों में ही अवशिष्ट है।