उत्तरकाशी जनपद एक अध्ययन भाग-01
जनपद उत्तरकाशी परशुराम की तपस्थली। प्राचीन नाम बाड़ाहाट या सौम्यकाशी था। इस क्षेत्र में प्राचीन अन्नपूर्णा का मंदिर है। अन्नपूर्णा का पर्याय ही काशी कहा जाता है। काशी रहस्य नामक लघु ग्रन्थ में महर्षि वेदव्यास ने अन्नपूर्णा शब्द का प्रयोग बार-बार किया है। काशी की भांति वरूणा एवं असी नामक नदियों के मध्य स्थित है। सम्भवतः इसलिए भी इसे उत्तर का काशी अथवा उत्तरकाशी नाम से जाना गया। पूर्व में झाला गांव (गंगोत्री मार्ग पर) के निकट ‘‘ढैणी का डांडा" पहाड़ टूट जाने से गंगा नदी अवरूद्ध हो गई, कुछ समय बाद बांध टूटने से पूर्व की ओर से उत्तर की ओर बहने लगी अतः उत्तरवाहिनी हो जाने के कारण भी उत्तरकाशी नामकरण माना जाता है। मुख्यालय - उत्तरकाशी पड़ोसी जिले/देश/राज्य पूर्व में - चमोली पश्चिम में - देहरादून उत्तर में - हिमाचल एवं चीन दक्षिण में - टिहरी क्षेत्रफल - 8016 वर्ग किमी जनसंख्या - 3,30,090 (3.27ः) पुरुष- 168600 ग्रामीण-3,05,781 महिला- 161490 शहरी- 24,305 ज