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राज्य में नाप-जोख की विविध ईकाईयां/व्यवस्थाएं

 राज्य के ऐतिहासिक अभिलेखीय साक्ष्यों से विदित होता है कि आज की भांति माप उसमें बोये जाने वाले अनाज के आधार पर की जाती थी। राज्य के इतिहास में प्रचलित परम्परागत नाप-तौल इकाईयां- 1. ज्यूला - 1 ज्यूला त्र 3 बीसी। गढ़वाल में एक ज्यूला त्र  4 दोण (1 दोण त्र 32 सेर त्र 16 नाली) अर्थात 64 नाली के बराबर मानी जाती थी।  2. दोण - 16 पाथा त्र 32 सेर त्र 1 दूण/दोण 3. पाथा - 2 सेर त्र  4 माणा त्र  2 किलो त्र  1 पाथा 4. सेर/कुड़ी - 1 सेर त्र  2 माणा त्र 1 किलो  5. माणा या माना - यह धातु या लकड़ी का एक छोटा बर्तन होता है, जिसमें लिए गये बीज के बाये गये क्षेत्र के आधार पर भूमि की माप होती थी। 2 माणा त्र 1 किलो होता है।  6. मुट्ठी - स्थानीय माप की सबसे छोटी ईकाई माना जाता है। मुट्ठी में लिए गये बीज जितने क्षेत्र में बोया जा सके उसे मुट्ठी के रूप में मापा जाता था। 7. तामी - 2 तामी त्र आधा किलो त्र 1 माणा 8. पिड़ाई - इसे अन्न की माप के लिए वर्तमान में भी प्रयुक्त किया जाता है। 9. बीसी या विशी - बीसी का सीधा अभिप्राय होता है 20 नाली।  10. अधालि - इसे आली भी कहा जाता है। 1 आली त्र 50 नाली।