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मुगल साम्राज्य

बाबर- (1526-1530 ई.) बाबर का जन्म 14 फरवरी, 1438 ईo को मावराउन्नहर की एक छोटी सी रियासत ‘फरगना’ में हुआ था। बाबर के पिता का नाम उमरशेख मिर्जा था तथा माता का नाम कुतलुगनिगार खाˇ था। बाबर ने जिन नवीन राजवंश की नींव डाली, वह तुर्की नस्ल का ‘चगताई वंश’ था। बाबर ने 1504 ईo में ‘बादशाह’ की उपाधि धारण की। बाबर ने अपनी आत्मकथा ‘बाबर नामा’ में केवल पांच मुस्लिम शासकों तथा दो हिन्दू शासकों का उल्लेख किया है। बाबर ने भारत पर पहला आŘमण 1519 ईo में ‘बाजौर’ पर किया था और उसी आŘमण में ही उसने ‘भेरा’ के किले को जीता था। पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अपै्रल, 1526 को लड़ा गया जिसमें बाबर ने उजबेकों की युद्धनीति ‘तुलगमा युद्ध पद्धति’ तथा तोपों को सजाने में ‘उस्मानी विधि’ का प्रयोग किया। बाबर की मृत्यु 26 दिसंबर, 1530 को हुई। बाबर का मृत शरीर पहले यमुना के किनारे आगरा के रामबाग में दफनाया गया, लेकिन बाद में उसकी इच्छा के अनुसार दफनाया गया। बाबर ने ‘मुबइयान’ नामक एक पद्य शैली का विकास किया। उसने ‘रिसाल-ए-उसज’ की रचना की जिसे ‘खत-ए-बाबरी’ कहा जाता है। हुमायूˇ (1530-1556 ईo) बाबर की मृत्यु के 4 दिन पश्चात् हुम

पुराऐतिहासिक संस्कृतियां

अभिलेखः अभिलेख सर्वाधिक महत्वपूर्ण साक्ष्य माने जाते हैं। सम्राट अशोक के अभिलेख सर्वाधिक प्राचीन माने जाते हैं। अशोक के अधिकांश अभिलेख ब्राăी लिपि में, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान से प्राप्त अभिलेख अरमाइक एवं युनानी लिपि में है। मास्की, गुर्जरा तथा पानगुडइया के अभिलेख में अशोक के नाम का उल्लेख है। अभिलेखों में अशोक को प्रियदर्शी तथा देवताओं का प्रिय कहा गया है। अशोक के सभी अभिलेखों का विषय प्रशासनिक है परंतु रूम्नदेई अभिलेख का विषय आर्थिक है। गुप्त शासकों का इतिहास अधिकतर उनके अभिलेखों के आधार पर लिखा गया है। प्रशस्ति अभिलेखों में प्रसिद्ध है, रूद्रदामन का गिरनार अभिलेख, खारवेल का हाथी गुफा अभिलेख, समुद्रगुप्त का प्रयाग प्रशस्ति, सातवाहन राजा पुलुमावी का नासिक गुफालेख आदि। यवन राजदूत हेलियोडोरस का बेसनगर से प्राप्त गरूड़ स्तंभ अभिलेख से द्वितीय सदी ई. पूर्व के मध्य भारत में भागवत धर्म के मौजूद होने का प्रमाण मिलता है। मध्य प्रदेश के एरण से प्राप्त अभिलेख से गुप्तकाल में सती प्रथा की जानकारी प्राप्त होती है। गुप्तकालीन उद्यागिरि स्थित वराह की मूर्ति पर हूण शासक तोरमाण का लेख अंकित है। वि