उत्तराखण्ड के प्रमुख मन्दिर

चार धाम – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रनाथ।

पंचकुण्ड – तप्तकुण्ड, नारथकुण्ड, सत्यपथकुण्ड,
मानुसीकुण्ड, त्रिकोणकुण्ड।

पंचधारा – प्रहलाद धार, कूर्मुधारा, उर्वशीधारा, वसुधारा, भृगुधारा

पंचकेदार – केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर नाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वरनाथ।

पंचबद्री – बद्रीनाथ, आदिबद्री, भविष्यबद्री, वृद्धबद्री, योगध्यानबद्री।

उत्तरकाशी के प्रमुख मन्दिर

1. विश्वनाथ मंदिर – यह मंदिर उत्तरकाशी जपनद से 300 मीटर की दूरी पर भागीरथी नदी के दांए किनारे पर स्थित है।

2. गंगोत्री मन्दिर
यह मंदिर हिन्दूओं का प्रमुख तीर्थस्थल है। और उत्तराखण्ड के चार धामों में से एक है। इस मंदिर का निमार्ण गोरखाओं के सेनापति अमरसिंह थापा ने 18वीं शताब्दी में कराया था तथा इसका पुर्नरुद्धार जयपुर के राजा माधो सिंह ने कराया। इसी मान्यता है कि राजा भगीरथ ने स्वर्गलोक से गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी। इस स्थान पर भागीरथी का एक मन्दिर है और इसी मन्दिर के मुख्य परिसर पर गंगा, लक्ष्मी, पार्वती आदि की मूर्तियाँ स्थापित है। यह मंदिर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 99 किमी दूर है। मंदिर के कपाट अप्रैल खोले जाते है। शीत ऋतु में मां गंगा की डोली को मुखवा गांव के मार्कण्डेय मंदिर में रखा जाता है।
ऊचांई – 3048 मी.
राष्ट्रीय राजमार्ग 108 पर स्थित है।
नोट – चारों धामों में सबसे कम ऊचांई पर धाम है

3. कण्डार देवी – उत्तरकाशी में स्थित एक प्राचीन मंदिर है।

4. शक्ति मन्दिर – विश्वनाथ मंदिर के साथ ही यह मंदिर भी है इस मंदिर की मुख्य विशेषता इसमें 6 मी. ऊचां एक विशाल त्रिशूल है।

5. यमुनोत्री धाम
चार धामों में एक धाम है। जोकि उत्तरकाशी जपनद में ही आता है। यमुनोत्री, जपनद मुख्यालय से 131 किमी दूर है। इस मंदिर का निर्माणक पंवार वंश के राजा प्रतताशाह ने कराया था। इस मंदिर के कपाट भी अप्रैल में खोले जाते है। मां यमुना का शीत प्रवास खरसाली गांव में है। यहीं से यमुना मां को अप्रैल महीने में यमुनोत्री ले जाया जाता है। खरसाली यमुनोत्री से मात्र 6 किमी दूर है। इस मंदिर के पा ही गर्म पानी का प्रमुख स्त्रोत सूर्यकुण्ड है।
ऊचांई – 3185 मी.
राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर

6. कचडू देवता मंदिर

7. पौखू देवता मंदिर

8. अन्नपूर्णा शक्तिपीठ – यह मंदिर गंगोत्री मंदिर का ही एक हिस्सा है।

9. दुर्योधन मंदिर-
10. परशुराम मंदिर
11. कालिंगानाथ मंदिर
12. लक्षेश्वर मंदिर
13. विश्वेश्वर मंदिर
14. कुट्टीदेवी
15. दत्तत्रेय मंदिर
16. कमलेश्वर मंदिर
17. भैरव मंदिर
18. कण्डारा मंदिर

क्रमश: जिले के अनुसार मंदिरों की सूची दी जायेगी।

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