घासभूमि (Grassland)

घासभूमि (Grassland)

घासभूमि वह क्षेत्र होता है जहां शाकीय पौधों, मुख्यतः पोएसी (Poaceae) कुल के पौधों का प्रभुत्व होता है। इन क्षेत्रों में साइपरेसी (Cyperceae) एवं जंकेसिया (Juncaceae) कुल के पौधे भी पाये जाते हैं। अंटार्कटिक महाद्वीप को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों पर प्राकृतिक घासभूमियों का विस्तार है। अधिकांश घासभूमियां वनभूमियों एवं मरुस्थलों के मध्य अवस्थित संक्रमण पेटी में ही पायी जाती हैं। विश्व के कुल भूमि के लगभग एक चौथाई भाग पर घासभूमियों का विस्तार है।

अवस्थिति के आधार पर घासभूमियों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है। ये दो भाग हैं-1. उष्णकटिबंधीय घासभूमि (Tropical Grassland) एवं 2. शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि (Temperate Grassland)।

उष्णकटिबंधीय घासभूमि का विस्तार दोनों गोलार्द्धों में 0oसे 23½oअक्षांशों के मध्य पाया जाता है। इस प्रकार की घासभूमि मुख्यतः अफ्रीका के साहेल क्षेत्र एवं पूर्वी अफ्रीका में पायी जाती है। सवाना एक प्रकार की उष्णकटिबंधीय घासभूमि ही है जिसका विस्तार मुख्यतः अफ्रीका के सूडान क्षेत्र में है।

शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि का विस्तार दोनों गोलार्द्धों में 23½oसे 66½o अक्षांशों के मध्य पाया जाता है। इस प्रकार की घासभूमि उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, यूरेशिया एवं ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती है।

विश्व की उष्णकटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अवस्थिति

विश्व की प्रमुख शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अवस्थिति



अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

ब्राजील के मातो ग्रोसो क्षेत्र में स्थित पंटानल (Pantanal) घासभूमि मौसमी घासभूमि का सुंदर उदाहरण है।
पूर्वी अफ्रीका की घासभूमि में हाथी घास जबकि न्यूगिनी की घासभूमि में पिट-पिट घास की बाहुल्यता है। इन दोनों ही घासों की लंबाई इन क्षेत्रों में 3 मीटर तक पाई जाती है।
स्टेपी घासभूमि में ‘चेस्टनट मृदा’ (Chestnut Soils) का व्यापक विस्तार है।
स्टेपी घासभूमि में स्टीपा एवं अर्टेमिसा जैसी घास प्रजातियों का बाहुल्य है।
स्टेपी घासभूमि में मंगोलियन गजेल एवं जंगली घोड़ों की दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।
प्रेयरीज घासभूमि में ब्लूस्टेम नामक घास की प्रजाति का सर्वाधिक विस्तार है। इसकी लंबाई 1.5 मीटर से लेकर 2.4 मीटर तक होती है।
पम्पाज क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के एमू एवं अफ्रीकी सवाना में ऑस्ट्रिच के समकक्षी रिया (Rhea) पक्षी पाए जाते हैं।
साहेल घासभूमि का विस्तार गाम्बिया, सेनेगल, मारितानिया, माली, बुर्किना फासो, अल्जीरिया, नाइजर, नाइजीरिया, कैमरून, चाड, सूडान एवं दक्षिणी सूडान में है।
ऑस्ट्रेलिया की घासभूमियों में कंगारू बड़ी संख्या में पाये जाते हैं।

भारत में घासभूमियां

उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में ‘बुग्याल’ नामक उच्च अक्षांशीय अल्पाइन घासभूमियां पाई जाती हैं।
‘बुग्याल’ हिम रेखा और वृक्ष रेखा के मध्य का क्षेत्र होता है।

बन्नी घासभूमि गुजरात के कच्छ जिले में अवस्थित है।
तराई-दुआर घासभूमि तराई पट्टी के मध्य एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय घासभूमि, सवाना और झाड़ी भूमि के रूप में भारत के उत्तराखंड से लेकर उत्तरी पश्चिम बंगाल तक संकरी पट्टी में फैली हुई है।

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