ज्ञानपीठ पुरस्कार का संक्षिप्त परिचय


** ज्ञानपीठ पुरस्कार का संक्षिप्त परिचय**

=>" 51वां ज्ञानपीठ पुरस्‍कार: गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी को मिलेगा"

- साहित्य क्षेत्र का जाना-माना प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी को दिया जाएगा।

- 51वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के चयन के लिए बनी समिति ने साहित्यकार रघुवीर चौधरी के नाम का चयन किया है। चयन समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार नामवर सिंह ने की है।

- गौरतलब है कि गांधीवादी साहित्यकार रघुवीर चौधरी का जन्म वर्ष 5 दिसंबर 1938 में गुजरात के गांधीनगर में एक किसान के घर हुआ था। उन्होंने कई प्रसिद्द कविता और नाटक से अपनी लेखन की छाप छोड़ी है। साथ ही वह कई जानी-मानी पत्र-पत्रिकाओं से भी जुड़े रहे हैं।
- चौधरी ने नवनिर्माण आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और 70 के दशक में लगी इमरजेंसी का विरोध किया।

- वह अपनी कृति 'उप्रवास कथात्रयी' के लिए वर्ष 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार जीत चुके हैं। साथ ही लेखन के लिए 1965 से 70 के बीच गुजरात सरकार से उन्हें कई पुरस्कार मिले।
- उन्होंने अब तक 80 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनमें अमृता, सहवास, अन्तर्वास, पूर्वरंग, वेणु वात्सल (उपन्यास), तमाशा और वृक्ष पतनमा (कविता संग्रह) प्रमुख हैं.

=>भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार का संक्षिप्त परिचय :-
- उल्लेखनीय है‌ कि भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत सरकार द्वारा हर वर्ष साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला पुरस्कार है।

- यह पुरस्कार संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन कार्य करने वाले साहित्यकार को उसके जीवनभर के साहित्यिक योगदान को देखते हुए दिया जाता है।

- इस पुरस्कार की शुरूआत 1961 से हुई थी और पहला पुरस्कार मलयाली साहित्यकार जी शंकर कुरूप को दिया गया था।

- इस पुरस्कार के फलस्वरूप साहित्यकारों को 11 लाख रुपये, वाग्देवी (Sarswati) की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

- इस पुरस्कार की शुरूआत 1961 से हुई थी और पहला पुरस्कार मलयाली साहित्यकार जी शंकर कुरूप को 1965 में दिया गया था।

Note :- वर्ष 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को प्रदान किया गया था।

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