महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस “आईडबल्यूडी” को अंतरराष्ट्रीय क्रियाशील महिला दिवस या महिलाओं के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिये संयुक्त बुतपरस्त दिवस भी कहा जाता है जो समाज में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये देश के विभिन्न क्षेत्रों में पूरे विश्व भर में 8 मार्च को हर वर्ष मनाया जाता है। इस उत्सव का कार्यक्रम क्षेत्र दर क्षेत्र बदलता रहता है। सामान्यत: इसे पूरी महिला बिरादरी को सम्मान देने, उनके कार्यों की सराहना करके और उनके लिये प्यार व सम्मान जताने के लिये मनाया जाता है। चूँकि महिलाएँ समाज का मुख्य हिस्सा होती हैं तथा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्रियाओं में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं, महिलाओं की सभी उपलब्धियों की सराहना करने और याद करने के लिये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाते हैं।

एक समाजिक राजनैतिक कार्यक्रम के रुप में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव को मनाने की शुरुआत हुई जिसके दौरान कई देशों में अवकाश की घोषणा की गयी। इस उत्सव को मनाने के दौरान मातृ दिवस और वैलेंटाईन दिवस के उत्सव की तरह महिलाओं की ओर पुरुष अपना प्यार, देख-भाल, सराहना और लगाव को ज़ाहिर करते हैं। अपने अनमोल योगदान के लिये महिला संघर्ष की ओर राजनीतिक और सामाजिक जागरुकता को मजबूत करने के लिये वर्ष के खास विषय और पूर्व योजना के साथ हर वर्ष इसे मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2016

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2016, 8 मार्च, मंगलवार को मनाया जायेगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?

1910 के अगस्त महीने में, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सालाना उत्सव को मनाने के लिये कोपेहेगन में द्वितीय अंतरराष्ट्रीय समाजवादी की एक मीटिंग (अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के द्वारा आयोजित) रखी गया थी। अंतत: अमेरिकन समाजवादी और जर्मन समाजवादी लुईस जिएत्ज़ की सहायता के द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का वार्षिक उत्सव की स्थापना हुई। हालाँकि, उस मीटिंग में कोई एक तारीख तय नही हुई थी। सभी महिलाओं के लिये समानता के अधिकार को बढ़ावा देने के लिये इस कार्यक्रम को मनाने की घोषणा हुई।

इसे पहली बार 19 मार्च 1911 में ऑस्ट्रीया, जर्मनी, डेनमार्क और स्वीट्ज़रलैंड के लाखों लोगों द्वारा मनाया गया था। विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे प्रदर्शनी, महिला परेड, बैनर आदि रखे गये थे। महिलाओं के द्वारा वोटिंग की माँग, सार्वजनिक कार्यालय पर स्वामित्व और रोजगार में लैंगिक भेद-भाव को समाप्त करना जैसे मुद्दे सामने रखे गये थे। हर वर्ष फरवरी के अंतिम रविवार को राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में अमेरिका में इसे मनाया जाता था। फरवरी महीने के अंतिम रविवार को 1913 में रशियन (रुस की) महिलाओं के द्वारा इसे पहली बार मनाया गया था। 1975 में सिडनी में महिलाओं (ऑस्ट्रेलियन बिल्डर्स लेबरर्स फेडरेशन) के द्वारा एक रैली रखी गयी थी।

1914 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव 8 मार्च को रखा गया था। तब से, 8 मार्च को सभी जगह इसे मनाने की शुरुआत हुई। वोट करने के महिला अधिकार के लिये जर्मनी में 1914 का कार्यक्रम खासतौर से रखा गया था। वर्ष 1917 के उत्सव को मनाने के दौरान सेंट पीटर्सबर्ग की महिलाओं के द्वारा “रोटी और शांति”,  रशियन खाद्य कमी के साथ ही प्रथम विश्व युद्ध के अंत की माँग रखी। धीरे-धीरे ये कई कम्युनिस्ट और समाजवादी देशों में मनाना शुरु हुआ जैसे 1922 में चीन में, 1936 से स्पैनिश कम्युनिस्ट आदि में।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक खास कार्यक्रम है जिसे लोगों के साथ ही व्यापार, राजनीतिक, समुदायिक, शिक्षण संस्थानों, आविष्कारक, टीवी व्यक्तित्व आदि महिला नेतृत्व के द्वारा 8 मार्च को पूरे विश्व भर में मनाया जाता है। अन्य महिला अधिकारों को बढ़ावा देने वाली क्रिया-कलाप सहित नाश्ता, रात का भोजन, महिलाओं के मुद्दे, लंच, प्रतियोगी गतिविधि, भाषण, प्रस्तुतिकरण, चर्चा, बैनर, सम्मेलन, महिला परेड तथा सेमिनार जैसे विभिन्न प्रकार कार्यक्रम के आयोजन के द्वारा इसे मनाया जाता है। इसे पूरे विश्व भर में उनके अधिकार, योगदान, शिक्षा की महत्ता, आजीविका आदि के मौके के लिये महिलाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है।

महिला शिक्षिका को उनके विद्यार्थियों द्वारा, अपने बच्चों के द्वारा माता-पिता को, बहनों को भाईयों के द्वारा, पुत्री को अपने पिता के द्वारा, उपहार दिया जाता है। ज्यादातर व्ययसायिक संस्थाएँ, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान, इस दिन बंद रहते हैं। आमतौर पर इस उत्सव को मनाने के दौरान लोग बैंगनी रंग का रिबन पहने रहते हैं।

भारत में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव

महिला अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये 8 मार्च को पूरे उत्साह और जूनुन के साथ भारतीय लोगों के द्वारा पूरे भारतवर्ष में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव मनाया जाता है। समाज में महिलाओं के अधिकार और उनकी स्थिति के बारे में वास्तविक संदेश को फैलाने में ये उत्सव एक बड़ी भूमिका निभाता है। उनके सामाजिक मुद्दे को सुलझाने के द्वारा महिलाओं के रहन-सहन की स्थिति को प्रचारित करता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक खास थीम का इस्तेमाल कर हर वर्ष मनाया जाता है। नीचे कुछ वार्षिक आधार दिये गये थीम हैं:

1975 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी”।
1996 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “भूतकाल का जश्न, भविष्य की योजना”।
1997 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और शांति की मेज”।
1998 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और मानव अधिकार”।
1999 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं के खिलाफ हिंसा मुक्त विश्व”।
2000 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “शांति के लिये महिला संसक्ति”।
2001 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और शांति: विरोध का प्रबंधन करती महिला”।
2002 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “आज की अफगानी महिला: वास्तविकता और मौके”।
2003 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “लैंगिक समानता और शताब्दी विकास लक्ष्य”।
2004 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और एचआईवी/एड्स”।
2005 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “2005 के बाद लैंगिक समानता; एक ज्यादा सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर रहा है”।
2006 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “निर्णय निर्माण में महिला”।
2007 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये दंडाभाव का अंत ”
2008 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं और लड़कियों में निवेश”।
2009 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिये महिला और पुरुष का एकजुट होना”।
2010 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “बराबर का अधिकार, बराबर के मौके: सभी के लिये प्रगति”।
2011 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान और तकनीक तक बराबरी की पहुँच: महिलाओं के लिये अच्छे काम के लिये रास्ता”।
2012 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गरीबी और भूखमरी का अंत”।
2013 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “वादा, वादा होता है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंत आ गया है”।
2014 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “वादा, वादा होता है: महिलाओं के समानता सभी के लिये प्रगति है”।
2015 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम है “महिला सशक्तिकरण- सशक्तिकरण इंसानियत: इसकी तस्वीर बनाओ! (यूएन के द्वारा),महिला सशक्तिकरण पर पुनर्विचार और 2015 में लैंगिक समानता और उससे आगे” (यूनेस्को के द्वारा) और “तोड़ने के द्वारा” (मैनचेस्टर शहर परिषद के द्वार)।
2016 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का विषय है "इसे करना ही होगा"


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कथन

“एक महिला होने के नाते भयानक रुप से एक कठिन कार्य है, चूँकि पुरुषों से व्यवहार में मुख्यत रुप से ये बना होता है”।

“इन सभी शताब्दियों में महिलाओं ने सेवा की है क्योंकि इसके स्वाभाविक आकार से दोगुना एक पुरुष के रुप के परावर्तन की मनोहर शक्ति और जादू को देखने वाले शीशे रखतें हैं”।

“अपने हिरोज़ और शी-रोज़ को मनाने और पहचान के लिये हमारे लिये ये कितना जरुरी है”।

सब मिलाकर, माँ और गृहिणि एकमात्र ऐसे कर्मचारी होते हैं जिनका काम खत्म करने का कोई समय नहीं होता। वो बिना-अवकाश वाले वर्ग होते हैं”।

“एक पुरुष की निश्चितता से ज्यादा अचूक होता है एक महिला का अंदाज़”।

“दिये गये समय की अवधि के लिये इतिहास में एक अनोखे विकास के लिये प्रगति से संबंधित जो भी गौरव रहा हो, नारीत्व के प्रगति से एक पूरा योगदान मतलब रखता है”।

“महिला आंदोलन का दुखी होना होने का मतलब है कि उन्हें प्यार की जरुरत की आजादी नहीं है। मैं व्यक्तिगत रुप से किसी ऐसी क्रांति पर भरोसा नहीं करता जहाँ प्यार की इज़ाजत नहीं है।”

“कुछ परिहास युक्त पर गलती के बिना अब और तब एक पुरुष पर हर वक्त कोई हँस नहीं सकता”।

“नारीवादी पूरी दुनिया का विचार है या समष्टि, महिलाओं के मुद्दे का एकमात्र कपड़ो की धुलाई की सूची नहीं है”।

“बहुत कुछ खूबसूरत जवान लड़कियों पर कहा और गाया है, क्यों कोई बूढ़ी औरत की सुंदरता को जागृत नहीं करता है?”

“ईश्वर महिलाओं को अंतर्ज्ञान और स्त्रीत्व प्रदान करता है। अच्छे से प्रयोग किया जाता है, ये मिश्रण आसानी से किसी पुरुष का दिमाग गड़बड़ कर देती है मैं जब भी मिला हूँ।”

“समाज को जल्दी से बदलने का तरीका है कि विश्वभर की महिलाओं को संगठित कर दिया जाये”।

“स्त्रीत्व एजेंडा मूलभूत है; ये कहता है कि सार्वजनिक न्याय और निजी खुशी के बीच में चुनने के लिये महिलाओं को कभी भी दबाव नहीं देना चाहिये।”

“चूँकि पुरुष और महिला एक-दूसरे के पूरक है, एक सुरक्षित और स्थायी सरकार बनाने के लियेराष्ट्रीय मामलों में हमें महिलाओं के विचार की जरुरत है”।

“आप जहाँ भी देखे महिला नेत्री होती है- एक गृहिणि जो अपने बच्चों को बड़ा करती है और अपने परिवार का नेतृत्व करती है से लेकर सीईओ तक जो सफल 500 कंपनियों में से एक को चलाती है। हमारा देश महिलाओं को मजबूत बनाने के द्वारा बना था और हम दीवार को धव्स्त करना और रुढ़िवादिता का सामना करना जारी रखेंगे।”

“राजनीति में अगर आप कुछ कहते हैं, एक पुरुष से पूछो। अगर आप कुछ करना चाहते हैं, एक महिला से पूछे”।

महिला समाज की असली शिल्पकार होती हैं”।

“ऐसा सपना देखो जो कभी सपना न बने”।

“महिला पुरष की एक साथी है, जो बराबरी की मानसिक क्षमता के साथ प्रतिभावान है”।

“कोई भी लिखित कानून कभी भी ज्यादा बाध्यकारी होता है बजाय प्रसिद्ध विचार के द्वारा समर्थित अलिखित परंपरा”।

धन्यवाद

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