इतिहास की झलक (उजुल सी)

★ सामंती राज व्यवस्था तक उत्तरकाशी क्षेत्र के लोगों को कहा जाता था- सोंगड

ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ हल्द्वानी- डॉ. राम लाल शाह (कुमाऊँ के प्रथम MBBS) (शुश्रुत और ह्वांगथेनेचिंग  इनकी  रचनाएं हैं।)

यूरोपियन मिस्लेनी पुस्तक के लेखक-  नारायण दत्त तिवारी।

किच्छा क्षेत्र का पुराना नाम- दरऊ

★ सितारगंज क्षेत्र का पुराना नाम- लालरखास

उत्तराखंड के शिल्पकारों का व्यावसायिक अधिष्ठाता- कल्या लोहार (मान्यता है कि इन्होंने महाभारत युद्ध मे हथियार बनाये थे)

मशहूर दानी महिला जसुली दताल प्रति सप्ताह रुपयों को बहाया करती थी- न्यूलामती नदी में।

चरवाहे से शासक बनने वाला राजा- बाज बहादुर चंद।

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