उत्तराखंड महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी।

© कुली एजेंसी का सर्वप्रथम विचार- गिरिजा दत्त नैथाणी  (ध्यातव्य हो कि प्रथम कुली एजेंसी जोध सिंह नेगी द्वारा 1908 बनाई गई थी।)

© बरा कर- भू-व्यवस्था  की देख-रेख करने वाले समस्त कर्मचारियों के लिए लिया जाने वाला कर।

© प्रजामण्डल की स्थापना-  23 जनवरी, 1939

© चमेठाखाल सभा का आयोजन- 30 जनवरी, 1921 मुकुन्दीलाल के नेतृत्व में कुली बेगार आंदोलन के समर्थन में।

©  नायक सुधार समिति का गठन- नवंबर 1924 में कुमाऊँ कमिश्नर एन. सी. स्टिप्फ की अध्यक्षता में।
          ★(इसके सदस्य- मशाल सिंह, गोविंद बल्लभ पंत, मुकुन्दीलाल, बृजनंदन प्रसाद, चामू सिंह, चतुर सिंह तथा जंगबहादुर थे।)
          ★★ मालूम हो कि नायक जाति के लोग अपनी कन्याओं का विवाह न करवाकर उनसे वेश्यावृति करवाते थे, यही उनका आर्थिक स्रोत होता था।  नायक जाति का उद्भव सम्भवतः चंद राजा भारती चंद के समय हुआ जब 12 वर्षीय युद्ध में डोटी महिलाओं के साथ सैनिकों के अवैध सन्तानों की उत्पत्ति से हुआ जिज़ रूढ़िवादी समाज ने स्वीकार नहीं किया अतः उनकी जीवन शैली इसी में रम गयी।

© नायक बालिका रक्षा कानून- 1929

© छिवरो जलविद्युत परियोजना- टोंस, देहरादून।

टिप्पणियाँ

  1. नायक जाति से संबंधी कोई भी प्रमाणित साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं,और नायक जाति के लोग उत्तराखंड और सारे भारत में निवास करते हैं,और समाज में सम्मिलित स्थिति में हैं,
    बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है उनके पुर्वजों के बारे में अपमानित करने वाली टिप्पणी आपके पेज पर उपलब्ध हैं,
    मेरा आप से अनुरोध है, इसे तुरंत हटाया जाए,
    बहुत बहुत धन्यवाद,

    जवाब देंहटाएं

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