उत्तराखंड का इतिहास अनछुए पन्ने से।

1. हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन के उत्तराखण्डी सदस्य- भवानी सिंह रावत, इंद्र सिंह गढ़वाली & बच्चूलाल भट्ट।
2. गाड़ोदिया स्टोर डकैती में शामिल उत्तराखण्डी- भवानी सिंह रावत।
(ज्ञातव्य हो कि 1930 में दिल्ली में स्टोर लूट की घटना थी, जिसे गाड़ोदिया एक्शन कहा जाता है)
3. टीका सिंह कन्याल का सम्बंध- सल्ट क्रांति से (दूसरे शहीद नर सिंह धानिक थे।)
4. देघाट गोलीबारी में शहीद- हरिकृष्ण & हीरामणि बडोला।
5. बरा कर- भू-व्यवस्था करने वाले अधिकारियीं हेतु लिया जाने वाला सुविधा शुल्क।
6. सर्वप्रथम कुली एजेंसी के गठन का विचार- गिरिजा दत्त नैथानी।
7. 5 सितम्बर, 1942 को खुमाड़ सल्ट में शहीद- खीमदेव, गंगाराम & चूडामणी।
(गोली चलाने के आदेश- जॉनसन ने दिए थे)
8. श्रीनगर पहुंचने वाला पहला पादरी- अंतोनिया दे आन्दोद (1624-25)
9. रोटी-शुचि प्रथा- महीपति शाह द्वारा शुरू प्रथा। (इस प्रथा से क्षेत्र में प्रचलित बिना कपड़े पहने खाना बनाने की प्रथा बन्द की गई। मालूम हो कि अभी भी उत्तराखण्ड के कई हिस्सों में बिना सिले कपड़े/धोती पहन कर खाना बनाया जाता है)
10. सिक्ख आक्रमण से बचने हेतु राखी नामक कर देने वाला पंवार शासक- 1783 में जयकृत शाह द्वारा (लूटमार न करने के बदले उपज का 5वाँ भाग इस कर के रूप में डॉय जाता था)
11. खुशहालपुर का युद्ध- 1793
(सिरमौर शासक धर्म-प्रकाश के सेनापति कुँवर ईश्वरी सिंह तथा पंवार सेनापति पराक्रम शाह के मध्य हुआ था।)

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