उत्तराखंड के प्रमुख मेले (छूटे हुए)

पिछली कई पोस्टों से मैंने मेले मन्दिर लगभग क्लियर कर लिए थे किंतु कुछ नए नाम सुनने को मिलेंगे इसलिए इस पोस्ट में सिर्फ हटकर शामिल किए गए मेले है।

1. रामबाग का मेला- दिनेशपुर, उद्यमसिंह नगर में
2. चौपखिया मेला- पिथौरागढ़
3. नैथाना का मेला- गेवाड़ घाटी, रानीखेत
4. अग्नेरी देवी मेला- चौखुटिया, रानीखेत
5. मनीला देवी मेला- रानीखेत
6. गिरी का मेला- गोदीबगड़, रानीखेत
7. कठबद्दी मेला- गढ़वाल के ग्वाड़,कोठगी & बहेती गांवों में।
      ★ गांव की नाकेबंदी कर काठ का बद्दी बनाया जाता है, बद्दी वादी जाति के व्यक्ति का प्रतीक होता है।
      ★ मुख्य विशेषता कि इस मेले में प्रसाद के रूप में रस्से के रेशे बाटें जाते है।

8. जांति मेला। पांडुकेश्वर, चमोली (घण्ड्याल पूजा)
       ★ लोहे की जांति(तिखती) को गर्म लाल करके हाथों में उठाने के कारण इसका नाम जांति पड़ा।

9. विसौद मेला- उत्तरकाशी
10. मुंडनेश्वर मेला- असवालस्यु पट्टी, गढ़वाल में।
11. कालिंका मेला- वीरोंखाल
12. पोखु महाराज मेला- मोरी, उत्तरकाशी
13. बोखनाग- राड़ीघाटी के बोखपर्वत पर उत्तरकाशी
14. मोल्ताड़ी मेला- पुरोला, उत्तरकाशी
15. थान का मेला- थान गांव, उत्तरकाशी

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