कीर्तिशाह

⏩ 19 जनवरी, 1874 को जन्में। 13 वर्ष की आयु में गद्दी में बैठे।

⏩ महारानी गुलेरिया के प्रभूत्वाधिन कार्य।

⏩ 1892 में नेपाल के प्रधनमंत्री जंग बहादुर की पौत्री से विवाह संपन्न हुआ।

⏩ गुलेरिया ने संरक्षण समिति बनाई। जिसमें तीन सदस्य- 
                                                   
✴️शिवदत्त डंगवाल ✴️केवल राम रतूड़ी ✴️ विश्वेश्वर दत्त सकलानी।
❇️ रघुनाथ भट्टाचार्य नामक बंगाली को उक्त समिति का सचिव बनाया गया।

❇️ 1891 में सर एक्लेन्ड कॉल्विन up के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कॉउन्सिल का निरीक्षण किया और कार्य की प्रशंसा की।

⏩ हरिशरण रतूड़ी के संरक्षण में बरेली, अजमेर से शिक्षा ग्रहण की।

⏩ प्रताप स्कूल को हाई स्कूल बनाया।

⏩ हेवेट संस्कृत पाठशाला बनाई।

⏩ एक मदरसा भी खुलवाया।

⏩ प्रत्येक पट्टी में एक प्राइमरी पाठशाला एवं पटवारी प्रशिक्षण केंद्र खुलवाया।

⏩ रियासत टिहरी गढ़वाल दरबार गजट का प्रकाशन करवाया।

⏩ गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर चिकित्सालय खुलवाए।

⏩ महारानी विक्टोरिया की हीरक जयंती पर 1897 में टिहरी में घण्टाघर बनवाया।

⏩ PWD जैसा पृथक विभाग खुलवाया।

⏩ बैंक ऑफ गढ़वाल की स्थापना की।

⏩ गढ़वाल सैपर्स नामक पलटन का गठन किया।

⏩ हजुरकोर्ट की स्थापना की। (चीफ कोर्ट भी कहा जाता है)
⏩ विलोली ग्राम की भूमि पर कीर्तिनगर की स्थापना की।

⏩ 1902 में स्वामी रामतीर्थ को जापान में सर्वधर्म सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए आर्थिक सहयोग दिया

⏩ हरिकृष्ण रतूड़ी को गढ़वाल का इतिहास लिखने हेतु आर्थिक मदद प्रदान की। (केदारखण्ड की हस्तलिखित प्रति भी प्रकाशित करवाई)

⏩ मुआफ़ीदारों के कानूनी अधिकार समाप्त किये।
(रूप सिंह कण्डारी के आंदोलन के कारण)

⏩ कीर्तिशाह का देहांत 25 अप्रैल, 1913 को हुआ। (राजमाता गुलेरिया जीवित थी और नरेंद्र शाह मात्र 15 वर्ष के थे)

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