आज के टाॅप 40 प्रश्न (5)

  1. पाषाण देवी- नैनीताल
  2. पाशन देवी (गुरना माता)- पिथौरागढ़
  3. सूर्य की एकमात्र वामन मुर्ति- वमन सुआल (अल्मोड़ा)
  4. वामन गुफा भितिलेख- सहजपाल
  5. विश्वनाथ गुफा- टिहरी
  6. विश्वनाथ मन्दिर- उत्तरकाशी 
  7. गढ़ी चम्पावत नाटक के रचनाकार- डाॅ0 एहसान बख्श
  8. नन्ही परी इंजीनियरिंग संस्थान- पिथौरागढ़।
  9. 1839 में ब्रिटिश शासन ने गढ़वाल जनपद का गठन किया।
  10. लैंसडाउन, पौड़ी में 1930 में अमन सभा का आयोजन किया गया था।
  11. गढ़वाल का पहला राजनैतिक सम्मेलन 1930 दुगड्डा में आयोजित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता प्रताप सिंह नेगी ने की थी।
  12. गढ़वाल में नमक सत्याग्रह उदयपुर पौड़ी में लूनी जलस्त्रोत में हुआ था।
  13. गढ़वाल में कुली बेगार आन्दोंलन 1921 में दुगड्डा में बैरिस्टर मुकुन्दीलाल के नेत्त्व में चला था, दुगड्डा में 1921 में हुए इस आन्दोंलन के सम्मेलन की अध्यक्षता पुरूषोत्तम दास टंडन ने की थी।
  14. कंडोलाखाल में कुली बेगार का नेतृत्व- अनुसूइया प्रसाद बहुगुणा 
  15. गढ़वाल दिवस का आयोजन हेतु 23 अप्रैल मोती लाल नेहरू ने पेशावर काण्ड के प्रभाव पर सुझाव दिया।
  16. गढ़वाल का वारदोली- गुजडू पट्टी को कहा जाता है।
  17. थापली नामक गांव से 1979 में मृदभाण्ड पाये गये जो कि श्री नगर के निकट है।
  18. दंगलेश्वर महादेव मन्दिर- सतपुली में पूर्वी नयार एवं नारदगंगा के तट पर स्थित मन्दिर, नयार नदी को पुराणों में नावलिका नाम से जाना गया है।
  19. कमलेश्वर मन्दिर- श्रीनगर, पौड़ी में है जिसे पुत्रदाता के रूप में जाना जाता है। इसका निमार्ण शंकराचार्य द्वारा किया गया था, जीर्णोद्वार उद्योगपति बिड़ला द्वारा कराया गया। भगवान श्रीराम ने प्रभु शिव को सहस्त्रों कमल चढ़ाये जाने के कारण इसका नाम कमलेश्वर पड़ा। यहां अचला सप्तमी, शिवरात्रि एवं बैकुण्ठ चतुर्दशी को मेलों का आयोजन होता है।
  20. भैरवगढ़ी- गुमखाल से आगे रसखिल गांव के ऊपर टाॅप में ऐतिहासिक लंगूरगढ़ जो कि 52 गढ़ो में एक था लांगूल पर्वत पर होने के कारण लंगूरगढ़ नामकरण हूआ था। 28 दिनों तक निरतंर घेरे रखने पर भी गोरखे इस किले को विजित नहीं कर पाये।
  21. मोईगाॅड फाॅल विकासनगर देहरादून।
  22. 1924 में अस्कोट में राजशाही के खिलाफ आन्दोलन शुरू हुआ जिसे अस्कोट आन्दोलन कहा जाता है।
  23. रं समुुदाय संग्रहालय-धारचूला। 
  24. नैन सिंह रावत पर्वतारोहण संस्थान-मुनस्यारी
  25. आपरेशन ब्लू एंजल- 18-19 अगस्त, 1998 को मालपा में कैलाश यात्रा मार्ग में आये भू-स्खलन में चलाया गया बचाव अभियान।
  26. मिलकुटिया का मेला- मुनस्यारी में आयोजित होता है।
  27. अल्मोड़ा मुद्रायें- 1914 अल्मोड़ा से कुणिन्द राजाओं, शिवदत्त, शिवपालित, हरिदत्त एवं शिवरक्षित की मुद्रायें प्राप्त हुई ये सभी ताम्र्र मुद्रायें थी। इनका वनज 119-327 ग्रेन तक का है।
  28. 1906 में वन्दे मातरम् का कुमाऊंनी अनुवाद-हरिराम त्रिपाठी द्वारा किया गया।
  29. 1942 में मालती देवी के नेतृत्व में देश सेवक संगठन की स्थापना की गई।
  30. ताड़ीखेत, अल्मोड़ा में प्रेम विद्यालय की स्थापना देवकी नन्दन पाण्डेय एवं भगीरथ पाण्डेय द्वारा की गई थी।
  31. फलोद्यान का स्वर्ग चैबटिया को कहा जाता है। 
  32. उदयशंकर नाट्य अकादमी-2002 (1938 में यहां द उदयशंकर कल्चर सेंटर की स्थापना की गई थी)
  33. मुलुक कुमाऊं पुस्तक के लेखक- कृष्ण पाण्डे
  34. राज्य में प्रथम पोस्ट आफिस पासपोर्ट केन्द्र की स्थापना अल्मोड़ा में की गई।
  35. शीतलाखेत में सिद्ध आश्रम नामक संस्था की स्थापना हरगोविन्द पंत ने की।
  36. जिप्सी, सन्यासी, घृणामययी, पर्दे की रानी, प्रेत और छाया, निर्वासित, जहाज का पंछी, मुक्तिपथ, सुबह के भूले इत्यादि रचनाएं इलाचन्द्र जोशी की हैं। 
  37. ग्रीन सिटी की परिकल्पना एवं सड़को के किनारे छायादार वृक्षोरोपण का सुझाव देने वाले प्रथम आई0एफ0एस0 उत्तराखण्ड- देवी लाल शाह ठुलघरिया थे।
  38. अमेरिका का प्रेजीडेन्सीयल अवार्ड फाॅर एक्सीलेन्स पुरस्कार पाने वाले प्रथम उत्तराखण्डी- प्रो0 कैनेथ एस0 सजवाण।
  39. कुमाऊं का चंचल नाम से प्रसिद्ध गायक- गोपाल बाबू गोस्वामी
  40. उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी का गठन- 18 जनवरी, 2009 में पी0सी0 तिवारी ने

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