गढ़वाल क्षेत्र में धान का कटोरा कहा जाता है रामा सिराईं
रवाईं क्षेत्र उत्तरकाशी में स्थित रामा
सिराईं को गढ़वाल का धान का कटोरा कहा जा सकता है।
नामकरण का कारण है इस क्षेत्र में उपजने वाला लाल चावल जिसके लिए ये जाना जाता है।
ज्ञातव्य हो कि कुमाउं क्षेत्र में धान का कटोरा
बोरारौ में स्थित कोसी नदी घाटी को कहा जाता है।
यहां नदी की बात करें तो कमल नदी घाटी को धान का कटोरा कहा जाना उचित प्रतीत होता है। यहां उगने वाला लाल चावल च्वाटूधान तथा च्वार धान कहलाता है। यह धान
यहां हिमाचल की धान घाटी च्वारघाटी से आया था।
यह नदी कोई ग्लेशियर से निकलने वाली नहीं है, यह तो
कमलेश्वर स्थित जंगल के बीच एक प्राकृतिक जलस्रोत से निकलती है। जो सदाबहार जलधारा
है। यह जलधारा कमल नदी के रूप में लगभग 30 किमी बहकर
नौगाँव के पास यमुना में संगम बनाती है। जो कि क्रमशः कमलेश्वर से रामा, बेष्टी, कण्डियाल
गाँव, कुमोला, देवढुंग, पुरोला, चन्देली, नेत्री, हुडोली, सुनाराछानी, थलीछानी
सहित 55 गाँवों की खेती को सिंचित
करते हुए नौगाँव स्थित यमुना से मिल जाती है।
अद्भुत जानकारी सर बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏 उत्तराखंड में होने वाली परीक्षाओं को मध्य नजर रखते हुए यह प्रश्न काफी महत्वपूर्ण होगा🙏🙏🙏🙏
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जवाब देंहटाएंबहुत शानदार👌
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