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वर्ष 2024 उत्तराखंड की महत्वपूर्ण नियुक्तियां-

1. दीपम सेठ - 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ को प्रदेश का 13वां पुलिस महानिदेशक बनाया गया, इससे पहले वह SSB में अपर महानिदेशक के पद पर तैनात थे। 2. डॉ. धनञ्जय मोहन - 1988 के आईएफएस अधिकारी उत्तराखंड वन विभाग के नए मुखिया बनाये गए हैं। इससे पूर्व वह उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष थे। 3. जस्टिस नरेंद्र जी - इन्हें प्रदेश उच्च न्यायालय के 13वें मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।  4. लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा - टिहरी के निवासी हैं इन्हें देश के प्रमुख अर्द्ध सैनिक बन असम राइफल्स के महानिदेशक बनाया गया है। 5. डॉ. अंजू अग्रवाल - उच्च शिक्षा निदेशक बनाई गई है। 6. प्रो. सुरेखा डंगवाल - दून विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त हुई। 7. अमरनाथ नम्बूदरी - बद्रीनाथ धाम जे नए रावल नियुक्त बनाये गये  8. सूर्यराग प्रसाद नम्बूदरी - इन्हें बद्रीनाथ धाम का नायब रावल बनाया गया है। 9. प्रो. मदन लाल ब्रह्मभट्ट - इन्हें उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है।

जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी एवं गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट

यूकेपीडिया तृतीय संस्करण से महत्वपूर्ण तथ्य देशभर के निजी वन संरक्षित क्षेत्रों का भ्रमण कर वहां जैव विविधता की स्थिति परखी गई. इसके बाद देशभर के 15 शीर्ष निजी वन संरक्षित क्षेत्रों को चिह्नित कर शोध में वहां किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के बारे में बताया गया. इस सूची में उत्तराखंड के दो निजी वन क्षेत्र मसूरी के निकट स्थित जबरखेत नेचर रिजर्व और पौड़ी जिले में स्थित गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट भी शामिल हैं. गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट - यह पौड़ी जिले में समुद्र तल से 1400 मीटर से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से आठ हिमालयी मीठे पानी के झरने निकलते हैं, जोकि नयार नदी के सूक्ष्म जलक्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह एस्टेट निजी तौर पर रेवरेंड डेविड अल्बर्ट चाउफिन के वारिस क्रिस्टीन एम चाउफिन और सुबीर मारियो चाउफिन के स्वामित्व में है. चाउफिन परिवार की ओर से से इसे तराशा जा रहा है. जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी - देहरादून जिले के मसूरी में स्थित यह हरा खंड मसूरी निवासी डा. सेजल वोरा और उनके परिवार के स्वामित्व वाला है. 2012 तक जबरखेत वन क्षेत्र में पेड़ों का अवैध कटान और शिकार की गतिविधियां प्र...