जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी एवं गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट

यूकेपीडिया तृतीय संस्करण से महत्वपूर्ण तथ्य

देशभर के निजी वन संरक्षित क्षेत्रों का भ्रमण कर वहां जैव विविधता की स्थिति परखी गई. इसके बाद देशभर के 15 शीर्ष निजी वन संरक्षित क्षेत्रों को चिह्नित कर शोध में वहां किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के बारे में बताया गया. इस सूची में उत्तराखंड के दो निजी वन क्षेत्र मसूरी के निकट स्थित जबरखेत नेचर रिजर्व और पौड़ी जिले में स्थित गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट भी शामिल हैं.

गडोली-मंडा खल सिंपल एस्टेट- यह पौड़ी जिले में समुद्र तल से 1400 मीटर से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से आठ हिमालयी मीठे पानी के झरने निकलते हैं, जोकि नयार नदी के सूक्ष्म जलक्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह एस्टेट निजी तौर पर रेवरेंड डेविड अल्बर्ट चाउफिन के वारिस क्रिस्टीन एम चाउफिन और सुबीर मारियो चाउफिन के स्वामित्व में है. चाउफिन परिवार की ओर से से इसे तराशा जा रहा है.

जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी- देहरादून जिले के मसूरी में स्थित यह हरा खंड मसूरी निवासी डा. सेजल वोरा और उनके परिवार के स्वामित्व वाला है. 2012 तक जबरखेत वन क्षेत्र में पेड़ों का अवैध कटान और शिकार की गतिविधियां प्रचलित थीं. जबरखेत नेचर रिजर्व की स्थापना 2015 में जंगल और उसके वन्यजीवों की रक्षा के लिए की गई. पर्यावरण-पर्यटन के माध्यम से अब यहां स्थानीय आजीविका को भी बढ़ावा मिल रहा है. स्थानीय लोग भी यहां सुरक्षा, स्वच्छता और वन संवर्द्धन का कार्य कर रहे हैं.

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