हॉकी

आओ पहले हॉकी का इतिहास देख लें

1. हॉकी की शुरुआत ईरान में मानी जाती हैं।

2. हॉकी के प्रथम संगठित क्लब की स्थापना -- ब्लैकहीथ एबीक्लब इंग्लैंड में 1861 में हुई।

3. फेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल हॉकी (FIH) की स्थापना-- 1884 में

4. इसका मुख्यालय-- लुसाने स्विट्ज़रलैंड में हैं।

5. हॉकी का प्रथम विश्व कप 1971 में खेला गया।

6. प्रथम विश्व कप पाकिस्तान ने जीता।

7. भारत ने प्रथम विश्व कप 1975 कुआलालम्पुर में जीता।

भारत में हॉकी

भारत का राष्ट्रीय खेल संविधान में उल्लेखित तो नहीं हैं किन्तु 1928 से भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी माना जाता हैं

1. आज हमारे देश में जिसे देखो वही क्रिकेट का दीवाना है किन्तु एक समय ऐसा भी था लोगों में हॉकी के लिए इससे भी ज्यादा दीवानगी थी।

2. 1928 से 1956 तक के 28 साल के लम्बे अन्तराल तक भारत हॉकी के खेल में सम्पूर्ण विश्व में अग्रणी बना रहा। हॉकी की इस उपलब्धि ने इस खेल को भारत का राष्ट्रीय खेल बना दिया।

3. “द इण्डियन हॉकी फेडरेशन” का गठन सन् 1925 में ग्वालियर में हुआ और यह सन् 1928 में “इन्टरनेशनल हॉकी फेडरेशन”  (FIH) के साथ सम्बद्ध हुआ। FIH से सम्बद्ध होने वाला यह पहला गैर यूरोपिन सदस्य है।

4. सन् 1932 में भारतीय हॉकी टीम विश्व भर के देशों में भ्रमण करके खेलने वाली टीम बन गई। भारतीय हॉकी टीम ने कोलम्बो, मलाया, टोक्यो, लॉस एंजल्स, ओमाहा, फिलेडेल्फिया, एमर्स्टडम, बर्लिन, प्राग और बुडपेस्ट में जाकर मैच खेला।

5. एशिया का सर्वप्रथम स्वर्ण पदक इण्डियन ओलम्पिक हॉकी टीम के द्वारा सन् 1928 में जीता गया। 1928 के ओलम्पिक के तत्काल बाद एक विस्मयाभिभूत डच पत्रकार ने लिखा था “ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय गेंद गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त से अनजान है। वह भारतीय जादूगर के हॉकी के स्ट्रोक से उछलता है और जब तक भारतीय जादूगर उसे आदेश न दे, वह हवा में तैरता रहता है। भारतीय हॉकी टीम का यह भव्य प्रदर्शन है।”

6. 1936 के ओलम्पिक में भारत ने कुल 38 गोल किये, जिनमें से 11 गोल अकेले ध्यानचंद, जो टीम कैप्टन थे, ने किये। ध्यानचंद के कौशल प्रदर्शन पर मुग्ध ने उनके समक्ष यह प्रस्ताव तक रख दिया कि यदि वे जर्मनी आ जाएँ तो उन्हें कर्नल की पदवी दे दी जाएगी। किन्तु देशभक्त ध्यानचंद ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।

जो स्थान फुटबाल में पेले का है वही स्थान हॉकी में ध्यानचंद का है। ध्यानचंद ने 1926 से 1948 के बीच हजारों गोल किये। उनके सम्मान में वियना के एक स्पोर्ट्स क्लब ने उनकी एक प्रतिमा, जिसमें ध्यानचंद के चार हाथ तथा चार हॉकी स्टिक दर्शाया गया है, ही स्थापित कर दी। यह प्रतिमा इस बात की प्रतीक थी कि ध्यानचंद के अलावा कोई अन्य व्यक्ति दो हाथों और एक स्टिक के द्वारा ध्यानचंद जैसा हॉकी कौशल का प्रदर्शन नहीं कर सकता।

7. भारत की स्वतन्त्रता के बाद 1948 के ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम ने, फाइनल मैच में इंग्लैंड की टीम को 4-0 से हरा कर, भारत को प्रथम बार गोल्ड मैडल दिलवाया तथा भारतीय हॉकी बदौलत भारत अब तक ओलम्पिक खेलों में 8 गोल्ड मैडल प्राप्त किये हैं।

8.  इंग्लैंड ने भारत में क्रिकेट और हॉकी खेलों को स्थापित किया पर जहाँ क्रिकेट में इंग्लैंड को हराने के लिए 20 वर्ष और 15 मैच की जरूरत पड़ी वहीं हॉकी में भारत को हराने के लिए इंग्लैंड को 37 वर्ष और 22 मैच की जरूरत पड़ी।

9. भारत ने ओलम्पिक में अब तक सर्वाधिक 8 स्वर्ण पदक जीते हैं जिसमे अंतिम पदक 1980 में जीता था।

उल्लेखनीय है कि क्रिकेट में भारत ने इंग्लैंड को पहली बार 1952 के चेन्नई टेस्ट मैच में हराया था और हॉकी में इंग्लैंड ने भारत को 1985 के पर्थ में हुए चैम्पियन्स ट्रॉफी में पहली बार 2-1 गोल से हराया था।

हम भारतीय हॉकी पर जितना भी नाज़ करें, कम ही होगा।

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