बाड़ाहाट शक्ति स्तंभ
विश्वनाथ मंदिर के सामने स्थित है. प्राचीन त्रिशूल (21 फीट ऊंचा) है, जिसमें ब्राह्मी एवं शंख लिपि में लेख प्राप्त हुए हैं. इस त्रिशूल में तीन श्लोक उत्कीर्ण हैं. प्रथम श्लोक में गणेश्वर नरेश द्वारा शिव मंदिर के निर्माण का उल्लेख किया गया है. द्वितीय श्लोक में गणेश्वर के पुत्र श्री गुह का उल्लेख है. तृतीय श्लोक में राजा गुह की शत्रुओं पर विजय करने का उल्लेख है. इस त्रिशूल में अशोकचल्ल द्वारा 1193 ई. में केदार भूमि जीतने का उल्लेख किया गया है.
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