एटकिंसन गजेटियर में वर्णित लोक देवताओं का वर्णन यथालिखित पढ़िये.
क्षेत्रपाल या भूमिया:- क्षेत्रपाल या भूमिया, खेत-खलिहान और सीमाओं का संरक्षक देवता है। यह हितैषी है और किसी को कब्जे में कर, या उसे अथवा उसकी फसल को नुकसान पहुंचाकर अपनी पूजा कराने के लिए बाध्य नहीं करता। हर गांव में उसे समर्पित एक छोटा सा मंदिर होता है जिसका क्षेत्रफल कुछ वर्ग-फीट से ज्यादा नहीं होता। जब फसल बोई जाती है तो खेत के कोने में और इस मंदिर के सामने किसी पत्थर पर मुट्ठीभर अनाज बिखेर दिया जाता है ताकि यह देवता फसल की ओलों, सूखे या जंगली जानवरों से रक्षा करे। फसल कटाई के समय फसल का पहला फल इसे चढ़ाया जाता है ताकि एकत्र किये गए अनाज की चूहों और कीट-पतंगों से रक्षा हो सके। यह दुष्टों को दण्ड और सज्जनों को पुरस्कार देता है। यह गांव का स्वामी है, गांव की समृद्धि में रचि रखता है और शादी-ब्याह, बच्चे के जन्म तथा अन्य उपलब्धि व हंसी-खुशी के मौकों पर चढ़ाई जाने वाली भेंटों का प्राप्तकर्ता साझीदार है। अन्य ग्रामीण देवताओं की तरह उसे शायद ही कभी सालाना बलि दी जाती हो, वह धरती में उपजे फल की विनम्र भेंट से ही संतुष्ट हो जाता है। क्षेत्रपाल का महाजागेश्वर दाननामा से सम्बद्ध ए...