हिमालयी जड़ी बूटियाँ
हिमालयी क्षेत्र की जड़ी-बूटियों द्वारा विभिन्न रोगों के उपचार के सम्बन्ध में, यद्यपि विस्तृत जानकारी देना यहाँ पर सम्भव नहीं है फिर भी संक्षिप्त में उदाहरण स्वरूप कुछ जड़ी-बूटियों के वानस्पतिक नाम तथा स्थानीय नामों के साथ उनके उपयोगों का विवरण निम्नवत् है- 1. रत्ती (एब्रस प्रिकेटोरियस) जड़ तथा पत्तियाँ कफ, दमा, ज्वर, तथा चक्कर में लाभप्रद। 2. अतीस (एकोनिटम हट्रोफिलम)- बड़े ज्वर तथा उदर जनित अनेक असाध्य रोगों में रामबाण। 3. लटजीरा (एकाइरेन्थस एसपरा)- बीज, चर्मरोगों, सिर दर्द तथा श्वांस रोग में उपयोगी। 4. बेंत (एगलमार्मेलोस)- पत्तियाँ कृमिनाशक तथा गले के दर्द में काम आती हैं। फल गठिया बात की प्रसिद्ध दवा है। 5. बासिंग (अघैटोडावैसिका)- जड़ें खून की बिमारियों में तथा पत्तियाँ कफ, श्वास तथा रतौंधी में लाभप्रद होती हैं। 6. जम्बू (एलियमस्ट्रोचि) इसकी पत्तियों का नमक के साथ गरम पानी में बनाया गया रस घाव एवं जख्मी अंगों को सेकने के काम में आता है। 7. गंद्रायन (एंगोलिकाग्लाओका)- सुगन्धित जड़ें मशाले के अतिरिक्त पेटदर्द. क्षुधा एवं स्वास्थ्य वर्धक। 8. 8. कुर्चापाती (आर्टीमिसिया ...